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एक कुप्रथा

शीर्षक  एक कुप्रथा 


हमारे समाज में न जाने कितने तरह की रीति रिवाज चले आ रहे हैं और हम उन्हीं रीति रिवाज को देखते हुए काम करते आ रहे हैं पर किसी ने भी उन रीति रिवाजों को बदला है और न ही उसके विरोध में किसी ने कुछ कहा है ।
"सभी रीति रिवाज में से कुछ ऐसे रीति रिवाज है जो एक तरह से अलग और गलत ही है जिन्हे कुप्रथा कहा जाता हैं और इन्ही रीति रिवाज के चलते हुए कुछ परिवारों रिश्तों में दरारे आ रही और कुछ में मतभेद भी आ रहे"।
इन रीति रिवाज से संबंधित एक ऐसी परिवार को देखेंगे जिसमें बहु को सभी रितिरिवाज को पुरा करना होता था।
इस परिवार मे 4 बेटे ,उनकी पत्नियां लेकिन एक बेटे की शादी होना बाकी थी और सास,ससुर रहते थे।

सुबह सुबह का समय चल रहा था सभी लोग अपने काम में व्यस्त हो रहे थे घर का बड़ा बेटा दफ्तर जा रहा था और दूसरा बेटा स्कूल जा रहा था और तीसरा बेटा एक डॉक्टर था जो हॉस्पिटल जा रहा था और आखरी बेटा ज्यादा पढ़ा लिखा नही था पर थोड़ी समझ रखता था अपने व्यापार में ही व्यस्त रहता था और उसी के सिलसिले मे जा रहा था और जाने से पहले अपने माता पिता के चरण स्पर्श करते हुए निकल जाते है।
इधर उनकी मां उनके जाने के बाद कहती हुई घर के आंगन में आती हैं और कहती हैं
"बड़ी बहू,बड़ी बहू ,बड़ी बहू अरे कहा गई सुबह सुबह की चाय तो पिलवा दे "।
बड़ी बहू अपनी सास को  किचन से कहती हुई 
"हा मां जी अभी ला रही हू और यह लीजिए मां जी आपकी चाय 
सासु मां हा हा दे इधर और थोड़े देर बाद अब गले को ठंडक मिली और मंझली बहु कहा है"।

"मझली बहु ,मंझली बहु ,मंझली बहु अरे कहा चली गई 
मंझली बहु , हा माजी आ रही हु ई बताए आज क्या क्या खाने में बनाया जाए "।
सास अपनी मंझली बहु से
"बताना क्या है जो हर दिन दिन में जो जो बनता है वही ही बनेगा और आज जो बनना चाहिए वो ही बनेगा और जल्दी से बना ले मुझे अच्छा स्वाद चाहिए "।
अब यह बताओ छोटी बहु कहा है
"छोटी बहु , छोटी बहु, छोटी बहु कहा गई 
छोटी बहु, हा माजी अभी आई  मां जी पूरा काम हो गया पूजा हो गई, घर की सफाई हो गई,बर्तन साफ हो गए और सभी काम भी हो गए"।

सास छोटी बहु से शाबाश बहुत बड़ियां अच्छा काम किया सभी ने

तुम तीनो की यह जिम्मेदारी से मेरा मन खुश हो गया और मैं धन्य हु मुझे ऐसी बहुएं मिली है जो मेरा कहना मानती है बस अब तो मुझे मेरे छोटे की ही चिंता है और उसकी जल्दी से शादी हो जाए तो मैं चिंता मुक्त हो जाऊ।

कुछ समय के बाद ससुर का प्रवेश होता है
"अरे छोटे की मां,छोटे की मां,छोटे की मां कहा पर हो  मैं कब से तुम्हे देख रहा हु "।

छोटे की मां _क्या हुआ क्या बात है छोटे के बाबू
छोटे के बाबू _अरे भाग्यवान अपने छोटे के लिए रिश्ता आया है मुझे तो लड़की जोखी लगी और तेरी राय क्या है बता दे।

छोटे की मां _हां हां यह तो अच्छी बात है पर आपको पता है न इस घर के नियम परंपरा क्या है?और क्या वह यहां के परंपरा को समझेगी।

छोटे के बाबू _हा बाबा तू एक बार बतला देना सब समझ जाएगी

छोटे की मां _हां अब कल मिलने जायेगे तब समझा देगे

अगले दिन छोटे की मां और पिता उनकी भाभियां और भाई और लड़का को लेकर घर जाते है

छोटे की मां _लड़की को बुलाओ उसको हमारे बारे में कुछ बताना है
लड़की के पिता _जी क्यो नही
बेटा जरा आओ
छोटे की मां _बेटा आपको खाना बनाना आता है
बेटी _हां जी
छोटे की मां _तुम कितनी पढ़ी हो
बेटी _10 तक
छोटे की मां _बहुत ठीक
देख बेटी हमारे घर की कुछ परंपरा रीति रिवाज है जो सभी को मानना चाहिए और तुम्हे भी करना चाहिए।
बेटा हमारे घर में सुबह सुबह जल्दी उठकर सभी का आशीर्वाद लेकर घर के काम में लगना है और सब काम समय में करना है।
बिना कोई शिकायत के और जब जब जो बोला जाए वह करना होगा बिना कोई सवाल किए और जब तुम हमारे घर में रहोंगी तो घर की ही बनकर रहेगी और कही भी जाने से पहले हमे पूछना होगा।
और रात में 10 बजे के बाद no entry
इन सभी को ध्यान में रखन
मेने अपनी तीन बहु को पुरी ज़िम्मेदारी दी हु और अब तुझे भी दूंगी।

और बड़े का सम्मान करना ,बड़ो का आशीष लेना और घर के बाहर रात भर न घूमना ,घर के बाहर काम न करना, समय से पहले जल्दी उठना नहाना धोना आदि और हमारे अनुसार ही चलना यह सब हमारे घर के रिवाज है परंपरा है।

बेटी _ठीक हैं मां जी मैं तैयार हु पर मैं आगे पढ़ना चाहती हूं।

छोटे की मां_नही यह रिवाज के खिलाफ है और तूझे यह भूलना होगा

बेटी ठीक है मां जी मैं कोशिश करूंगी।

कुछ दिन के बाद शादी हो जाती हैं और वे अपने ससुराल में प्रवेश करती है और घर का काम जाम करती रहती हैं।

सास का प्रवेश होता है
"छोटी बहु ,छोटी बहु कहा गई
छोटी बहु भागते हुए आती हैं और कहती है हा माजी बुलाया आपने
सास अरे यह क्या है ?ज्यादा दिन तुझे हुए नही आए हुए और अपनी मन की करने लगी है।
छोटी बहु_क्या हुआ मा जी
सास _अरे मुझसे क्यों पूछ रही घूंघट कर ले भूल गए रीति रिवाज या बताना होगा तुझे
छोटी बहु_मां जी माफी मुझे यह सब की आदत नही थी
सास_मुझे बहाने नही चाहिए 
मंझली बहु को बुलाकर ला

कुछ देर के बाद मंझली बहु 

मंझली बहु_हा मां जी
सास_देख बहु छोटी बहु की पहली रशोई हैं समझा दे क्या बनाना है आज
मंझली बहु_दाल रोटियां गोभी की सब्जी और आलू
सास_सुन लिया बहु क्या करना है ?
छोटी बहु _पर मां जी मुझे बरबट्टी, दाल,भत्ता की सब्जी खाना है।

सास,_क्या कह रही ऐसा नहीं होता रिवाज के अनुसार ही काम होता है और तूझे यही बनाना है।
छोटी बहु_पर मां जी
सास_पर पर कुछ नही जो बोला है वो करो

कुछ दिन बीत जाने के बाद छोटी बहु बाहर जाती हैं

सास,_कहा जा रही बहु रानी
छोटी बहु _,काम से जा रही मां जी
सास_ठीक है पर 10 के पहले आ जाना
छोटी बहु _ठीक है मां जी

जब छोटी बहु 10 बजने पर भी नहीं आती तब गेट पर ताला लगा देती है और थोड़े समय के बाद बहु आती हैं
बहु_मां जी गेट खोलिए
सास,_अब कुछ नहीं हो सकता तुमको बाहर इंतज़ार करना होगा क्योंकि तुम्हारे इंतज़ार सीमा खत्म हो गई।

छोटी छोटी _पर मां जी अंदर बुलाई न
सास,_नहीं मैं यह परम्परा को कोई ठेस हो तो हमसे बात करे पर इसको बदलना नही हो पायेगा।

कुछ महीने बीत जाने के बाद जब स्कूल खुल जाते है तब 

छोटी बहु अपने पति से
छोटी बहु,,_सुनिए न मुझे आग पढ़ना है मेरा दाखिला करा दीजिए
पति_नही यह मुमकिन नहीं है इस घर की रीत रिवाज परंपरा नही है और यह नही हो पायेगा

छोटी बहु _पर मुझे पढ़ना है 
पति _कह दिया न और क्या हो जायेगा पड़ेगी तो घर में देख
छोटी बहु _
मुझ पर भरोसा रखो मैं कर दिखाऊंगी
पति_ऐसा होना असम्भव है।

कुछ देर के बाद
छोटी बहु अपनी सास से
छोटी बहु _मां जी मुझको आपकी अनुमति चाहिए
सास_किस बारे में?
छोटी बहु _मुझे पढ़ना है?
सास_शांत और इस बारे में सोचना भी मत और मैने कहा था पढ़ना लिखना नही है सिर्फ अपने काम से काम रखो।

सिख _देखा आप सभी ने घर गांव समाज की ऐसी परम्परा हो मानसिकता हो तब हमारे घर की बहू बेटी आगे पढ़ नही पाती अपने सपने पूरे नही कर पाती और बस काम पर ही ध्यान रखने बोला है।
पर हम सभी को इसके विरोध में जाकर बहु बेटियों को पढ़ाना चाहिए और यही हमारा संकल्प होना चाहिए।


Priyanshu choudhary 
प्रतियोगिता हेतु 

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7 Comments

kashish

27-Feb-2024 02:40 PM

V nice

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RISHITA

26-Feb-2024 04:32 PM

Awesome

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KALPANA SINHA

26-Feb-2024 11:29 AM

Amazing

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